अमेरिका में दास प्रथा खत्म करने वाले अब्राहम लिंकन ने कहा था कि खंडित मानसिकता के साथ कोई देश एक राष्ट्र नहीं बन सकता है. लेकिन हमारे देश की बदकिस्मती देखिए कि 8 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की हद तोड़ने वाला सामूहिक बलात्कार और फिर निर्मम हत्या भी धर्म के चश्मे से देखा जाने लगता है. तो सवाल है कि क्या ऐसी खंडित सोच वाला समाज उस बच्ची को इंसाफ देगा. क्या वो इंसाफ सासाराम के अबोध बच्ची से लेकर उन्नाव की नाबालिग लड़की तक को मिलेगा.