क्या सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी लगने लगा है कि न्याय उन्हीं के साथ नहीं हो पा रहा है तो फिर न्यायपालिका संकट में है. क्योकि सुप्रीम कोर्ट के ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के इतिहास में ये पहला मौका है जब कोर्ट के जज सीधे देश को बताने निकल पड़े कि सुप्रीम कोर्ट ठीक ढंग से काम कर नहीं रहा है. तो क्या देश संवैधानिक संकट में जा घिरा है?