एक बेटा-एक बेटी वर्षों मेहनत करके एक नौकरी की परीक्षा में बैठें, एग्जाम पास करें. नियुक्ति पत्र का इंतजार करते रहें और एक दिन चार लाइन का सरकारी आदेश आ जाए, भर्ती प्रक्रिया रद्द. क्या बीतती होगी उस परिवार पर जो अपने बच्चे की अच्छी नौकरी लगने का इंतजार करता है, ताकि बहन की शादी धूमधाम से हो सके, बरसों से टपकती छत की मरम्मत कराई जा सके, बाप को दवा के लिए परेशान ना होना पड़े. लेकिन हर चुनाव से पहले नेता नौकरी का वादा करना नहीं भूलते. आखिर क्यों इन बेरोजगारों के हिस्से में केवल इंतजार आता है?
Unemployment is one of the biggest issues in our country. In every election, every party makes promises to give lakhs of jobs and eradicate unemployment. But the situation remains the same. Even if a government releases vacancies, it takes years for recruitment.