आम आदमी जो सिर पर पहले हेलमेट के टूटे शीशे को सेलो टेप से चिपकाकर चल रहा है, वो भी पेट्रोल की कीमत अब सौ रुपए के पार भरा रहा हैं. जो लाखों रुपए कार में बैठे हैं, वो भी पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमत दे रहे हैं. अपने पर्स में धन रुका रहे का टोटका आजमाने वाले भी महंगाई के आगे फेल हैं. दो मिनट में पकने वाले नूडल्स भी सस्ते नहीं रह पा रहे हैं. दवा भी जब सस्ती ना मिलने की उम्मीद रहे तो क्यों ना कहें कि जिंदगी हर कदम एक नई जंग है. पेट्रोल डीजल आठ दिन में सात बार महंगा हो चुका है. चवन्नी से ऊपर और फिर अस्सी पैसे तक की रोजाना वृद्धि से पेट्रोल की कीमत पांच रुपए के करीब तक हफ्ते भर में बढ़ गई है. ये कीमत क्या और ऊपर जाएगी ?
Even when there is no hope of getting medicine cheap, then why not say that every step of life is a new battle. Petrol diesel has become costlier seven times in eight days. The price of petrol has gone up by about five rupees in a week, due to daily increase above penny and then up to eighty paise. Will this price go up?