Whatsapp पर सुबह एक पक्ष का मैसेज आता है कि फलां धर्म खतरे में है. दूसरे पक्ष के लोग भी मैसेज भेजते हैं कि देखो-ये धर्म भी खतरे में है. धर्म का खतरा दिखाकर असल में सियासत के ये दोनों पक्ष आपके असली मुद्दे पर खड़े खतरे से अपना पीछा छुटाते हैं. जैसे रोजगार के लिए जद्दोजहद करता नौजवान खतरे में है. सरकार स्थिर चाहिए तो रोजगार संविदा यानी ठेके पर क्यों देते हैं? विभागों में पद खाली रखकर बेरोजगारों के जख्मों पर नमक क्यों छिड़का जाता है? वहीं एक बड़ा सवाल ये भी है कि मोदी के खिलाफ कांग्रेस मुक्त पवार वाला थर्ड फ्रंट कैसे बनने जा रहा है? देखें दस्तक, रोहित सरदाना के साथ.