शुरुआत अलविदा शब्द से...यकीन नहीं होता विनोद खन्ना अब नहीं रहे और शायद बॉलीवुड के तमाम चेहरे जब विनोद खन्ना की अंतिम यात्रा में जुटे तो हर चेहरे के आसरे विनोद खन्ना की याद आंखो की स्क्रीन पर उभर आयी.
अमिताभ बच्चन के साथ तो विनोद खन्ना का सिल्वर स्क्रीन पर याराना जो फिल्म जमीर से शुरु हुआ वह खून-पसीना, हेरा-फेरी ,परवरिश, अमर अकबर एंथोनी समेत दस तक चला. विनोद खन्ना की याद में अमिताभ की आंखो में आज कौन सी फिल्म रेंग रही होगी, ये भी सवाल है.