एक साल में 365 दिन. इन्हीं दिनों पर दर्ज होता है समय का इतिहास. इन दिनों में कैद होती हैं कुछ यादें, कुछ बातें और कभी न भूलने वाली तारीखें. कुछ तस्वीरें कैद होती हैं निर्माण की तो कुछ विध्वंस की. पर बीते 365 दिन, का एक-एक दिन याद रहने वाला रहा. कोई चाहकर भी 2020 की त्रासदी और तारीख नहीं भूल सकता. कोरोना ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया. बिफोर कोरोना और ऑफ्टर कोरोना. कोरोना काल की त्रासदी में लाखों लोगों ने जान गंवाई, लाखों लोग पलायन पर मजबूर हुए. उद्योग ठप हुए तो रोजगार भी छिना. अवसाद, निराशा और लाचारी का साल 2020 बना, पर कुछ उम्मीद भी जगी. कैसा रहा साल 2020, देखें दस्तक, रोहित सरदाना के साथ.