चुनावी साल में आज मोदी सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश किया. कहने को तो बजट अंतरिम हैं लेकिन लुभावनी सरकारी सौगातों की जो झड़ी आज लगी उसके आगे बड़े बड़े बजट शरमा जाएं. विपक्ष कह रहा है कि मोदी सरकार ने संसद में बजट नहीं वोटों का बहीखाता पेश किया है. उम्मीद भी यही थी, और कोशिशों में सरकार ने कोई कसर भी नहीं छोड़ी...चुनावी साल के बजट में पीयूष गोयल के ब्रीफकेस से हजारों राहें निकली और हर राह घूम फिरकर चंद दिनों बाद होने वाले सत्ता के महायुद्ध में जीत की राह बनने का दम भरती दिखी...कहने को तो जेटली की गैर मौजूदगी में पीयूष गोयल ने पहला बजट पेश किया...लेकिन उनके हर एलान में पीएम मोदी की हसरत की गूंज सुनाई दी.