बिहार में अपराधों पर लगाम लग ही नहीं रहा है. अपराधी सरेआम लोगों को गोली मार देते हैं, बच्चियों को घर से उठा ले जाते हैं, किसी को रास्ते में छलनी कर देते हैं तो किसी को घर में लटका देते हैं और सहमा देने वाले इन अपराधों पर जब सवाल उठाया जाता है तो मुख्यमंत्री जवाबदेही से मुकर जाते हैं, सवाल के जवाब में सवाल करते हैं, सवाल करने वालों का चरित्र चित्रण करते हैं और गुस्सा दिखाते हैं. सवाल ये है कि बिहार में अपराध के विरुद्ध सरकार का शंखनाद कब होगा.