चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई तक सभी दलों से सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉन्ड की जानकारी तलब की है. मतलब ये है कि 15 मई तक मिली रकम का सभी दलों को हिसाब बताना होगा और उन लोगों के खातों की भी जानकारी देनी होगी जहां से ये बॉन्ड इन दलों को मिले हैं. सरकार ने चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के नाम पर एक हजार- दस हजार- एक लाख- दस लाख तक के चुनावी बॉन्ड जारी किए थे. कोई भी नागरिक इन बॉन्ड को खरीदकर दलों को एक तरह से चंदा दे सकता था. हालांकि बॉन्ड खरीदने वालों के नाम गोपनीय रखे जाने थे लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने दानकर्ताओं के नाम भी मांगे हैं. वैसे बॉन्ड खरीदने वालों को अपने बैलेंस शीट मे बॉन्ड का जिक्र करना होगा और इन्हें भारत का कोई भी नागरिक उन दलों को दे सकता था. जिन्हें पिछले चुनावों में कुल वोटों का कम से कम एक फीसदी वोट मिला था.
The Supreme Court on Friday asked all political parties to submit detailed particulars of donors and full particulars of the electoral bond to the Election Commission of India in sealed covers by May 30. The apex court said, All political parties to submit details of bonds received till May 15 by May 30 to the Election Commission in sealed cover. Watch this video to know more details.