26 जनवरी की हिंसा के बाद की हिंसा के बाद भी उम्मीद थी कि किसानों और सरकार के बीच बातचीत होगी और कुछ बात बनेगी. किसानों के चक्का जाम की धमकी और आंदोलन को दिल्ली के बाहर ही रोकने की पुलिस की तैयारी के बाद लग रहा है कि अब कांटे है सुलह की राह में. अब सड़क पर सीमेंट की सेज में कीलों की धार है. किसानों और सरकार के बीच फासला बढ़ चुका है. किसानों ने खत लिखा है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि समाधान केवल एक कॉल दूर है, लेकिन दूसरी तरफ सरकार विरोध स्थलों को बंद कर रही है. अब तक राजनीति से अपने आप को दूर रखने वाले वाले आंदोलन ने नेताओं को गले लगाने से परहेज छोड़ दिया है. शिव सेना सांसद संजय राउत का आज किसान नेताओं से बॉर्डर मिलन हुआ. देखें हल्ला बोल, अंजना ओम कश्यप के साथ.