संसद में मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ बिल पेश करेगी लेकिन उससे पहले विपक्ष के साथ-साथ मौलानाओं और उलेमाओं की पूरी जमात भी सरकार के रास्ते में खड़ी हो गई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सबसे ज्यादा ऐतराज किया और इसे संविधान और मुस्लिम धर्म के खिलाफ बताया.