हिस्सा कुर्सी का. ये किस्सा है महाराष्ट्र का. शिवसेना बेकरार है. एनसीपी तैयार है. बस कांग्रेस का इंतजार है. अब तीनों पार्टियों में बात खुल्लम-खुल्ला हो रही है. सवाल है कि आखिर कांग्रेस अपनी धुर विरोधी के साथ सरकार बनाने के लिए क्यों तैयार हो गई है. सवाल ये भी है कि क्या बीजेपी ने मान लिया है कि अब कोई रास्ता नहीं बचा या फिर अब भी पर्दे के पीछे कुछ खेल चल रहा है.