जेएनयू छात्रसंघ नेता कन्हैया को 2 मार्च तक के लिए जेल हो गई है लेकिन उसकी पेशी के पहले पटियाला हाउस कोर्ट में जमकर बवाल हुआ. वकीलों ने एक-दूसरे को पीटा. कन्हैया को भी पीटने की कोशिश की गई. हल्ला बोल में सवाल कि क्या अब देशभक्ति का फैसला सड़क पर संग्राम से होगा? या कन्हैया की पिटाई करके वकीलों ने 'देशभक्ति' साबित की?