उत्तर प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर के बाद अब ताजमहल पर तनानती है. शिव के साधकों को ताजमहल का प्रांगण ही सबसे उपयुक्त जगह लग रही है, जहां वो शिव चालीसा के साथ साथ-साथ महामृत्युंजय, रुद्राष्टकम और शिवतांडवस्त्रोत का पाठ कर सकें. 'हल्ला बोल' में देखिए, ताज में पूजा और नमाज को लेकर जारी विवाद पर चर्चा.