ये सिर्फ हिंदुस्तान में हो सकता है. जिस देश के करोड़ों युवक बेरोजगार हों. उस देश में बेरोजगारी का मुद्दा पकौड़े का जुमला बन जाता है. वो शर्मनाक जुमला जिसे विपक्ष के नेता सांप्रदायिक दंगों की शक्ल दे रहे हैं. सोचिए एक ओर देश का युवा नौकरी के लिए तरस रहा है तो दूसरी ओर कोई उसे पकौड़े तलने की सलाह दे रहा है तो कोई उस युवक को दंगाई बता रहा है.