वंदे मातरम ये वो नारा है जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के साथ विवाद का पुराना नाता रहा है. लेकिन आज जिस सवाल के साथ हम आपके सामने आए हैं वो इससे कई गुना ज्यादा बड़ा है. एक मुस्लिम परिवार, जिसकी हर सांस में देशभक्ति है. जिसने अपने कपड़े तिरंगे कर लिए, अपने मकान को तिरंगा कर लिया, वंदे मातरम गाने लगा, अपने घर तक को तिरंगा नाम दे दिया. उस परिवार को आज अपनी देशभक्ति की सजा मिली है. उसे कठमुल्लाओं ने समाज से निकाला दिया है. सवाल उठता है कि गुनहगार कौन है. देशभक्त मुस्लिम या वो मौलाना जिन्होंने ये फैसला दिया.