कैसी विडंबना है. एक तरफ बेटियों को बचाने का नारा लगाते हैं दूसरी तरफ कोई ऐसी वारदात हो जाती है जिसे सुनकर दिल दहल जाता है. इंसानियत का सिर शर्म से झुक जाता है. कभी हमें निर्भया के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है कभी दिशा के लिए और कभी उन्नाव की बेटी के लिए. ये फेहरिस्त लंबी है लेकिन आज बात उन्नाव की बेटी. स्वाति मालीवाल राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठी थीं. आज वो राजघाट से इंडिया गेट के लिए कैंडल मार्च पर निकली हैं. देखें हल्ला बोल.