हम ये सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान इस वक्त अपने इलेक्शन में उलझा है. इसीलिए लाइन ऑफ कंट्रोल भी शांत है. कश्मीर में टेरर सप्लाई भी पहले के मुकाबले कम है. बॉर्डर से घुसपैठ का चांस भी कम है क्योंकि भारत के जवानों की बंदूकें निशाना नहीं चूकेंगी, लेकिन हम बहुत बड़े भ्रम में होंगे. अगर ये सोच लेंगे कि पाकिस्तान ने अपने आतंकी प्लान फिलहाल बंद कर दिए होंगे जिसको आतंकवाद की आदत लगी हो, वो कैसे इसमें पीछे रहेगा. खबरदार में आज हम सबसे पहले आपको ये दिखाएंगे कि कैसे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई अंदर ही अंदर एक नए प्लान पर काम कर रही है.