शुक्रवार को जो बात करीब करीब तय हो गई थी, आज उसपर भारत के राष्ट्रपति की मुहर लग गई और आम आदमी पार्टी के 20 विधायक दिल्ली विधानसभा से बेदखल हो गए. केजरीवाल सरकार लाभ के पद के चक्रव्यूह में जून 2015 में फंसी थी और पिछले करीब डेढ़ सालों से ये मामला कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के पास था. लेकिन केजरीवाल अभी भी मानने को तैयार नहीं कि बीस-बीस विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर उन्होंने कानून तोड़ा था.