नेपाल ने 18 मई को एक नया नक्शा जारी किया था जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था. इस कदम से भारत और नेपाल के दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई. भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है. और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे. 11 जून को नेपाल की कैबिनेट ने 9 लोगों की एक कमिटी का गठन किया है. जिस ज़मीन पर नेपाल इतने दिनों से दावा कर रहा है और भारत के साथ विवाद खड़ा कर रहा है. उस ज़मीन पर अपने अधिकार का नेपाल के पास कोई प्रमाण ही नहीं है. कूटनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल ने बड़ी भूल कर दी है. देखिए खबरदार.