नोटबंदी पर जनता का दुख और दर्द तो सब बता रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारे नेता जनता के लिए क्या कर रहे हैं. ये कोई नेता नहीं बताता है. नोट बदलने के फैसले के 9 दिन बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन खत्म नहीं हुई हैं. लोग परेशान हैं, जबकि संसद में बहस और चर्चा नहीं बल्कि हंगामा हो रहा है.