नोटबंदी के खिलाफ संसद में तो विपक्ष अपनी राजनीति में कामयाब दिखाई दे रहा है लेकिन सड़क पर आकर विपक्ष बिखर जाता है. जनता ने विपक्ष की विरोध प्रदर्शन और जन आक्रोश की राजनीति को भाव नहीं दिया. सवाल यही है कि क्या नोटनीति जनता में हिट है और इस पर राजनीति फ्लॉप है?