चुनावी सरगर्मी के तेज होते ही दलबदल की रफ्तार और भी तेज हो जाती है. पहले बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू का बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होना और फिर कभी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाने वाले एनडी तिवारी का अपने बेटे को बीजेपी का दामन थमा देना.
अशोक प्रधान का सपा से भाजपा मेंं शामिल होना तो और भी ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने चुनावी रणभेरी बजने के बाद पाले बदल लिए. इसके अलावा देखें कि जल्लीकट्टू पर क्यों जारी है विवाद और सरकार किस निष्कर्ष की ओर बढ़ रही है.