निर्भया केस (Nirbhaya Case) के दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी नहीं होगी. दोषी मुकेश (Convict Mukesh) की अर्जी पर आज दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई हुई, जिसमें मुकेश की वकील रिबाका जॉन ने दलील दी कि दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है और याचिक लंबित होने की वजह से डेथ वारंट को रद्द किया जाए. वकील रिबाका जॉन ने कहा कि दया याचिका पर फैसले के बाद 14 दिन का वक्त मिलना चाहिए. इस पर हाईकोर्ट में ASG और दिल्ली सरकार (Delhi Government) के वकील ने भी सहमति जताई और कहा कि दया याचिका (Mercy Petition) पर फैसला आने के बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देना होगा. इस फैसले से नाराजगी जताते हुए निर्भया की वकील ने कहा कि मामले को लंबा खींचने के लिए याचिका लगाई गई.