मैं भाग्य हूं, आपके कर्मों का परिणाम. आपके कर्म ही मेरा निर्माण करते हैं और यह तय करते हैं कि मैं आपका साथ कितना और कब तक दूंगा. तो फिर जब आपके कर्म ही आपके भाग्य का निर्माण करते हैं तो फिर क्यों कुछ मनुष्य अपने कर्म से ही चूक जाते हैं. वो ये क्यों नहीं समझ पाते कि सत्कर्म ही एक अच्छे जीवन का जरिया है. मैंने देखा है कि लोग व्यर्थ ही चिंता और उलझनों में डूबे रहते हैं, बेवजह चिंता करने का क्या अर्थ है? देखें- 'मैं भाग्य हूं' का ये पूरा वीडियो.