दुनिया का हर धर्म में यही कहा गया है कि सनातन धर्म के वेद, उपनिषद और गीता तीनों ही कर्म को प्रधान मानते हुए इसके महत्व को बताते हैं, यही पुरुषार्थ है. जो व्यक्ति भाग्य, ज्योतिष या भगवान भरोसे है उसको भी कर्म किए बगैर छुटकारा नहीं मिलने वाला है. देखें- 'मैं भाग्य हूं' का ये पूरा वीडियो.