लोग भाग्य को ईश्वर का लिखा मानते हैं. अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य के लिए हम भाग्य को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन वास्तव में भाग्य ईश्वर का लिखा नहीं होता. ये हमारे कर्म होते हैं, जो भाग्य को रचते हैं. इसलिए अच्छे कर्म करें और खुद तय करें अपना भाग्य