मैं भाग्य हूं... आपकी किस्मत, आपकी नियती, मैं आपके साथ आपके जन्म से ही हूं... लेकिन मेरा निर्धारण केवल आपके जन्म आपके कुल से तय नहीं होगा. मैं तो आपके कर्मों के आधार पर आपकी सहायता करुंगा. अगर आपके कर्म सही होंगें तभी मैं आपको जीवन को सही दिशा में लेकर जाउंगा. अगर आप अपने उच्य कुल अपने अमीर परिवार के आधार पर अपने जीवन में आनंद की कामना करते रहेगें. तो मैं आपका साथ नहीं दे पाउंगा.