मैं भाग्य हूं... आपकी तकदीर, आपका मुकद्दर... मैं वही हूं... जिसके जरिए आप पर नियंत्रण होता है. पर मैं आपको रोज बताता हूं... मैं सिर्फ आपके जीवन का नियामक हूं संचालक नहीं... ना ही किसी मनुष्य का जीवन मेरे अधीन है... वो तो इंसान के कर्म हैं जिससे उसका जीवन चलता है...