जहां प्रेम होता है वहां स्वार्थ नहीं होता.... सच्चा प्यार और सच्ची भक्ति बेस्वार्थ भावना से की जाती है. प्यार को महसूस किया जाता है...प्यार को नापा और तौला नहीं जाता... प्यार का कोई मोल नहीं होता... प्यार तो अनमोल होता है... मैं भाग्य हूं... आज मैं आपको सच्चे प्रेम की परिभाषा समझाऊंगा.