मैं भाग्य हूं में जानें कैसे अपना भाग्य इंसान स्वयं लिखता है बल्कि भगवान नहीं. जैसा इंसान कर्म करता है वो वैसा ही बन जाता है. कैसे आपकी सोच तय कर देती है कि आप किस रास्ते पर जाएंगे.