अभी महाराष्ट्र सरकार कथित चूहा घोटाले पर ठीक से सफाई भी नहीं दे पाई थी कि विपक्ष चाय घोटाले का आरोप लगा रहा है. एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री के दफ्तर में एक साल में सिर्फ चाय पर 3 करोड़ से ऊपर खर्च कर दिए गए. हांलाकि मुख्यमंत्री के कार्यालय ने इन आरोपों को गलत बताया है. CMO के मुताबिक इस खर्चे में सिर्फ चाय ही नहीं सीएम ऑफिस में होने वाली सारी मीटिंग का लंच और कैबिनेट मीटिंग के स्नैक्स और लंच का खर्च शामिल है.