हर्रियत के एक और काले कारनामे का खुलासा हुआ है. हुर्रियत पाकिस्तान में एडमिशन कराने के नाम पर 25-30 लाख रुपये लेता था. हुर्रियत एडमिशन के लिए पाकिस्तानी उच्चायुक्त को सिफारिशी चिट्ठी लिखता था. हुर्रियत एडमिशन के पैसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में करता था. यह खुलासा अलगाववादी नईम खान की चिट्ठी से हुआ है.
इधर NIA की पूछताछ में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के कानूनी सलाहकार देवेंदर सिंह बहल ने खुलासा किया है कि आतंकी खेल में गिलानी के बेटे नईम गिलानी का भी हाथ है. गिलानी के बेटे नईम गिलानी को आतंकी फंडिंग के मामले में पूछताछ के लिए NIA ने दिल्ली तलब किया था. लेकिन ऐन वक्त पर तबीयत बिगड़ने का हवाला देकर वह श्रीनगर में ही अस्पताल में भर्ती हो गया.