सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं...बड़ी बेंच को नहीं भेजा जाएगा मामला. सुप्रीम कोर्ट ने 1994 के फैसले को रखा बरकरार...पुनर्विचार के लिए दाखिल याचिका खारीज...मस्जिद में नमाज पढ़ने का मसला बड़ी बेंच को नहीं भेजने के पक्ष में दो जज...जस्टिस नजीर ने कहा कि साथी जजों की राय से सहमत नहीं हूं.
Ismail Farooqui judgement, the court had ruled then that namaz or prayers can be offered anywhere.