सुप्रीम कोर्ट ने कहा क्या तीन तलाक और निकाह हलाला इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं. सभी पक्ष इन्ही दो मुद्दों पर करेंगे जिरह. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, दोनों मुद्दों को महिला के मौलिक अधिकारों से जोड़ा जा सकता है या नहीं, इसी आधार पर कोर्ट दे सकता है आदेश.