शौर्य और महक की हल्दी चल रही होती है, उसी बीच शौर्य नाराज होकर रस्म बीच में छोड़कर आ जाते हैं. महक, शौर्य को मनाने के लिए उनके कमरे में आ जाती है अपने गाल पर लगी हल्दी को शौर्य के गाल पर लगा देती है. इससे शौर्य नाराज होते हैं और महक को कहते हैं कि यह क्या नॉनसेंस है. इस पर महक उनसे कहती हैं कि तुम करो तो रोमांस और मैं करूं तो नॉनसेंस. महक को शौर्य के गुस्से से कोई फर्क नहीं पड़ता और वो उन्हें हल्दी लगाती रहती हैं.