भारत के अभिमान लाल किले पर गणतंत्र दिवस को हिंसा भड़की. लाल किले के आंगन में हुए हंगामे पर पूरे देश की नजरें टिक गईं. लाल किले की प्राचीर पर लोगों ने चढ़ाई की, झंडे फहराए, तोड़फोड़ की गई. सवाल ये कि किसने लालकिले की गलियों को गर्दिश में डाला, किसने खेला यहां हिंसा का खेल, किसने हमारे किसानों को हमारे ही जवानों के खिलाफ उकसाया. ये सवाल आज लाल किले की प्राचीर से पूरा देश पूछ रहा है. पूरा देश जानना चाहता है कि वो कौन थे जिन्होंने लाल किले के इन लाल पत्थरों को दहशत के दयार में डाल दिया? लाल किले के प्रांगण में शांति की अपील करते किसानों का सिर्फ वादा नहीं टूटा. टूटा है देश का देश का भरोसा, देश का सम्मान. देखें खास कार्यक्रम, चित्रा त्रिपाठी के साथ.