पिछले दो दशकों से जनसंख्या विस्फोट पर चिंताएं तो खूब जाहिर की गईं, मगर प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. उसका परिणाम ये हुआ है कि लोग ज्यादा हो गए हैं. संसाधन कम पड़ गए हैं, ट्रेन में टिकट नहीं मिलता, दुकानों में राशन नहीं मिलता,नौकरियां नहीं मिलतीं, सुविधाएं नहीं मिलतीं. माना जाता है कि इन सारी समस्याओं की जड़ में है जनसंख्या. इसी को लेकर असम के बाद यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की पहल शुरु हुई है. लेकिन इन सबके बीच इसपर सियासत भी शुरू हो गई है. देखें शंखनाद.