जिंदगी को सामान्य करने की चुनौती, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती. चुनौती इस बात की है कि लोग एक बार फिर जी सकें, जश्न मना सकें. चुनौती यह भी है कि एक बार फिर से स्कूल खुल सकें, लोग अपने काम उसी तरह से शुरू कर सकें, जैसे कोरोना काल के पहले हालात थे. फैक्ट्रियों के उत्पादन भी ठीक से शुरू हो सकें. ये हालात सिर्फ तभी नहीं सुधर सकते जब वैक्सीन आ जाए, शुरूआत तब होगी जब वैक्सीन का रोल आउट ढंग से होगी. भारत दुनिया के कई देशों की मदद कर रहा है. लेकिन क्या है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कोरोना से निपटने की चुनौतियां, देखें स्पेशल रिपोर्ट, श्वेता सिंह के साथ.