किसानों के साथ सरकार की 6 बैठकों में कोई नतीजा नहीं आया तो क्या सातवीं बैठक में सरकार किसानों को मना लेगी? यही सवाल फिजाओं में गूंज रहा है क्योंकि केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों से अब 29 की जगह 30 दिसंबर को बातचीत करेगी. एक तरफ बातचीत की टेबल सज रही है तो वहीं किसान कड़ाके की ठंड में भी आंदोलन की आग को धधकाए हुए हैं. कभी उनके हाथों में बंदूक हुआ करती थी और वो हमारी सरहदों की सुरक्षा में तैनात थे, लेकिन अब फौज से रिटायरमेंट के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसानों की सेवा में जुटे हुए हैं. सिंघु बॉर्डर पर जय जवान जय किसान का नजारा साफ दिखाई दे रहा है, जहां पूर्व सैनिकों के साथ साथ नौजवान भी किसानों की सेवा में लंगर, देखें स्पेशल रिपोर्ट, चित्रा त्रिपाठी के साथ.