15 अगस्त को देश जब आजादी के जश्न में डूबा था, उस वक्त हमारे जांबाज श्रीनगर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में जूझ रहे थे. इसी जंग में सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रमोद कुमार शहीद हो गए. ये शहीद जब तिरंगे में लिपटकर अपनी जन्मभूमि पहुंचा तो जांबाजी के नारे गूंज उठे, लेकिन शहीद के परिवार पर तो जैसे वज्रपात हो गया.