ट्रिपल तलाक जो मौजूदा दौर में मुस्लिम महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुका है क्या वो आस्था से जुड़ा मुद्दा है. हिन्दू समुदाय की जिस प्रकार से राम मंदिर में आस्था है ठीक उसी तरह से मुस्लिम समुदाय भी तीन तलाक को आस्था का विषय मानता है. ये सभी दलील ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दी है.
कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि तीन तलाक का मुद्दा पिछले 1400 साल से जारी है. अगर राम का अयोध्या में जन्म होना, आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिये हुए हैं. परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है.