पश्चिम बंगाल की रैलियों को देखकर, वहां हो रहे रोड शो को देख, सारा देश दंग है. चुनाव के नाम पर रैलियों में कोरोना के हर नियम को रौंदा जा रहा है. नियमों के खुलेआम हो रहे इसी उल्लंघन पर अब हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने जिलाधिकारियों से कहा है कि सभी जिलों में होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों में कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी उनकी है, लिहाजा वो रैलियों-रोडशो में कोरोना की स्थिति पर नजर रखें. अगर उन्हें जरूरी लगे तो वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए धारा 144 भी लागू करने से न चूकें. अदालत को ये सब इसलिए कहना पड़ा क्योंकि पश्चिम बंगाल की रैलियों में न दो गज की दूरी है न रैली में आने वाले लोगों के चेहरे पर मास्क. धीरे-धीरे ही सही, ये लापरवाही अपना रंग दिखाने लगी है. पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल में कोरोना के 4817 नए मामले सामने आए हैं और 20 लोगों की मौत हो गई है. देखें स्पेशल रिपोर्ट, अंजना ओम कश्यप के साथ.
The entire nation is witnessing that Covid norms are violated by political leaders in West Bengal. In rallies and roadshows, people are not following social distancing and not wearing the mask. West Bengal is only halfway through the elections. Even as the number of cumulative Covid cases in the state is less than in many others, but the rapid rise in new infections has evolved as a concern for it. Calcutta HC told Election Commission that EC Must enforce Covid norms in the strictest possible manner. Watch the Special Report.