क्या कांवड़ उठा लेने से कानून तोड़ने का लाइसेंस मिल जाता है? क्या कांवड़ियों के लिए खुद कानून के मुहाफिज़ हर कानून को ताक पर रख देते हैं? अगर ये झूठ है तो फिर कांवड़ राज में हमेशा क़ानून की धज्जियां क्यों उड़ाई जाती है? क्यों कांवड़ के गुज़रने वाले हर रास्ते से ताज़िरात-ए-हिंद की सारी दफाएं गायब हो जाती हैं? दिल्ली में कांवड़ की दिलेरी तो आप पहले ही देख चुके अब बुलंदशहर में उनकी बहादुरी भी देख लीजिए. देखिए कि छेड़ाखानी के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस के साथ कांवड़ियों ने क्या किया? देखिए रिपोर्ट.