जंग का भी अजीब फसाना है, खंडहरों पर जीत का परचम फहराना है. किसी उजड़ी हुई सियासत या श्मशान में तब्दील शहरों को जीतकर, कोई सुल्तान या हाकिम, क्या करता होगा. क्या करेंगे पुतिन, उस यूक्रेन को झुकाकर, जिसे बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. ये जंग आज नहीं तो कल खत्म हो जाएगी. मगर उन शहरों के दर्द का क्या होगा, जिनके सीने पर बमों के बेशुमार जख्म दिए जा रहे हैं. इन जख्मों को सीलने में बरसों लग जाएंगे. 49 दिनों की जंग में बेतरतीबी से रूस ने यूक्रेन पर कहर ढाया है. देखें शम्स ताहिर खान के साथ वारदात