ये दिल्ली है. राजधानी, सियासत की, अदावत की, हुकूमत की, नफरत की मोहब्बत की. किसी ने इसे दिल से पाया, किसी ने दिलेरी से, किसी ने मोहब्बत से तो किसी ने इसे नफरत से छीन लिया. ये दिल्ली है क्या, कुच नहीं, फकत चंद गज जमीन का टुकड़ा. लेकिन इस महान मुल्क का मुस्तकबिल भी दिल्ली है. सब इसी पर फतेह के लिए आमादा हैं, जो गद्दीनशीं हैं, वो इसे महफूज रखना चाहता हैं. शाहजहां से इसे बचाने के लिए लालकिले की सरहद पर गड्ढा बनवाया तो अंग्रेजों ने सरहद पर तोपें लगवाईं. आज क्या हाल है दिल्ली का, देखिए वारदात, शम्स ताहिर खान के साथ.