अब से फकत चार महीने पहले जिस छत को श्मशान में आनेवाने दुखियारों का सिर छुपाने के इरादे से बना गया था, वही छत रविवार को अचानक भरभराकर जमींदोज हो गई. इसी के साथ ये छत यूं एक ही झटके में 25 जिदगियां लील गईं. भ्रष्टाचार में जीने और भ्रष्टाचार ओढ़ने-बिछाने के आदी हो चुके हम हिंदुस्तानियों के लिए इससे ज्यादा बदकिस्मती की बात और क्या होगी जिस श्मशान में आकर बड़े से बड़े दुनियादार को भी वैराग्य का भाव पैदा हो जाता है, भ्रष्टाचार ने उसी श्मशान में बने शेल्टर के खंभों पर भी अपनी जगह बना ली. ये जगह इतनी गहरी थी कि शायद अपने बनने के बाद हुई पहली ही बारिश में शेल्टर अचानक से नीचे गिर कर मटियामेट हो गई. ये मुरादनगर के श्मशान में शेल्टर के गिरने से पैदा हुए गुस्से का ही नतीजा था कि सोमवार की सुबह दर्द में तड़पते लोगों ने इंसाफ की मांग के साथ गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर धरना दे दिया. सबकी बस यही मांग थी कि श्मशान में हुए 25 मौतों के गुनहगार को सजा दो और ऐसी सजा दो जो नजीर बन जाए. देखें वारदात, शम्स ताहिर खान के साथ.