केस वही... उस केस के सबूत वही... उसके गवाह भी वही... तो फिर नतीजा सिरे से पलट कैसे गया... प्रद्युम्न मर्डर केस में पुलिस जिसे ओपन एंड शट केस मान रही थी उसकी थ्योरी अचानक दो महीने बाद ठस कैसे पड़ गई... तो फिर ऐसा क्या था जो सीबीआई को तो दिखा मगर गुड़गांव पुलिस देख नहीं पाई... या देखकर उसने अनदेखा कर दिया था... अब सीबीआई की मानें तो गुड़गांव पुलिस की जांच में उसे सीसीटीवी में एक छात्र तो दिखा था लेकिन उसकी सुई कंडेक्टर पर टिकी थी... बस यहीं उससे गलती हो रही थी...
अलबत्ता पुलिस की तरह सीबीआई ने भी इस मामले में तफ्तीश की शुरुआत सीसीटीवी फुटेज से ही की... इस फुटेज में मासूम प्रद्युम्न के साथ एक और लड़का भी बाथरूम की तरफ जाता और आता दिख रहा था... जबकि प्रद्युम्न की बहन बाथरूम के दूसरी तरफ जाती हुई दिख रही थी... लेकिन ये सीसीटीवी फुटेज साफ नहीं था, चेहरा पहचानना मुश्किल हो रहा था... ऐसे में सीबीआई ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ली... फुटेज की जांच कर सामने और पीछे से देख कर एक्सपर्ट्स ने ये कन्फर्म कर दिया कि बाथरूम में जाने और निकलने वाला लड़का एक ही है, जबकि दूसरा लड़का प्रद्युम्न है... देखें वारदात की खास पेशकश...