14 अगस्त 2004 को इस देश में आखिरी बार किसी रेपिस्ट को फांसी दी गई थी. धनंजय चटर्जी नाम था उसका. एक नबालिग छात्रा के साथ रेप करने के बाद उसने उसका कत्ल कर दिया था. उसकी फांसी के वक्त कोलकाता के अलीपुर जेले के बाहर मैं भी खड़ा था. उसके बाद से 15 साल बीत गए हैं. इन पंद्रह सालों में देश भर में करीब चार लाख बलात्कार हो चुके हैं. लेकिन धनंजय चटर्जी के बाद पिछले 15 सालों में किसी दूसरे बलात्कारी को फांसी नहीं दी गई. पर क्यों? तो आइए आज कुछ कड़ुवे सच सुनते हैं.